

“जीवार्थ फाउंडेशन” - जीवार्थ यानी जीवन का अर्थ या हम बेहतर कह सकते हैं ‘जीने का अर्थ’। यह जीवार्थ शब्द के उच्चारण से हमें महसूस होता है। लेकिन सच तो यह है कि "जीवार्थ" यह शब्द हमारे शब्दकोष में ही नहीं है। शायद यह हमारी मानवीय संवेदनाओं की उपज है जिसमें हमारे, हम सब के जीवन में, कुछ अच्छा करने, दूसरों के लिए कुछ करने, मदद करने, सहयोग करने, साथ देने, दूसरों के चेहरे पर एक मुस्कान लाने के, मानवीय प्रयासों से जुड़ा हुआ है। यहां पर जब हम मानवीय प्रयासों की बात करते हैं तो उसमें "देना" या “giving” सबसे प्रमुख है । लेकिन इसके बावजूद हम “देना” भूलते जा रहे हैं।
आज मानव जाती का आधुनिक रहन सहन, उपभोक्तावादी संस्कृति, व्यवहार, देने से ज्यादा “लेने” पर केंद्रित हो गया है। प्रकृति से, समाज से, व्यवस्था से हम सिर्फ अपने लिए ही सब कुछ चाहते हैं। मसलन हम सबको अपने पूरे जीवन में पेड़ों की आवश्यकता होती है। लेकिन हम में से कितने हैं जिन्होंने अपने जीवन में एक भी पौधा लगाया हो।
अब समय आ गया है प्रकृति को लौटाने का, समाज ने हमको बहुत कुछ कुछ दिया है उसको देने का, व्यवस्था ने हमारे लिए बहुत कुछ किया है अब जरूरत है उसके लिए हम भी, हम सब भी कुछ करें। देने की या कुछ ना कुछ करने की इच्छा सभी में होती है लेकिन हम में से बहुत से लोग आगे नहीं आते या जिंदगी भर ऐसा कुछ ना कर पाने की कसक बनी रहती है। “जीवार्थ फॉउण्डेशन” का प्रयास एक ऐसा प्लेटफॉर्म देना है कि जिसमें सब मिल कर हमारी प्रकृति को समाज को कुछ लौटाएं। कुछ देने का प्रयास करें।
जीवार्थ फॉउण्डेशन का प्रयास – हम समाज में उन "परिवर्तनों" "Changes" के लिए काम करते हैं जो हम सोचते हैं कि होना चाहिए। जीवार्थ का "मिशन" जीवार्थ की मुहिम है “Spread Smiles” हमारा संयुक्त प्रयास है लोगों के चेहरे पर एक "मुस्कान लाना" प्रकृति के चेहरे पर एक "मुस्कान लाना" जो कि हमारे छोटे - छोटे प्रयासों से ही संभव होगा। हम सहृदयता की संस्कृति को बढ़ावा देते हैं और प्रकृति को, समाज को, व्यवस्था को वापस देने की भावना पैदा करना चाहते हैं।